उत्तर प्रदेश

क्या चुनावी फायदे के लिए काशी विश्वनाथ का इस्तेमाल कर रही है सरकार? जानिए लोगों की राय

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]

[ad_1]

Kashi Vishwanath Corridor: वाराणसी में नवनिर्मित काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को जहां कुछ लोग भारत की आध्यात्मिक चेतना के पुनरुत्थान के प्रतीक के रूप में देखे रहे हैं, वहीं कुछ अन्य लोगों के अनुसार 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी को ‘राजनीतिक बढ़त’ दिलाने के लिए इस परियोजना का इस्तेमाल किया जा रहा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करीब 339 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली महत्वाकांक्षी परियोजना ‘श्री काशी विश्वनाथ धाम’ के पहले चरण में सोमवार को लोगों को समर्पित किया. यह परियोजना श्रद्धालुओं को कई सुविधाएं प्रदान करने के अलावा मंदिर परिसर को गंगा नदी से जोड़ती है. उद्घाटन समारोह के दौरान मोदी ने काशी को ”अविनाशी” बताते हुए कहा था कि एक ”नया इतिहास” बनाया जा रहा है और ”हम भाग्यशाली हैं कि इस इतिहास के साक्षी बन रहे हैं.”

पहले दिन किया काशी के कोतवाल का दर्शन

वाराणसी, 2014 से मोदी का संसदीय क्षेत्र है और शहर की अपनी दो दिवसीय यात्रा के पहले दिन उन्होंने पहली बार ”काशी के कोतवाल” कहे जाने वाले काल भैरव मंदिर में दर्शन किया और बड़ी संख्या में साधु-संतों की उपस्थिति में औपचारिक रूप से गलियारा का उद्घाटन किया. इसके बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्यों के कई अन्य मुख्यमंत्रियों के साथ ”जहाज पर बैठक” में भाग लिया.

बनारस देश को दे रहा नयी दिशा 

अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने आम लोगों से संपर्क करने के अलावा कई कार्यक्रमों में भाग लिया. वाराणसी के स्वर्वेद महामंदिर में सद्गुरु सदाफल देव विहंगम योग संस्थान के 98वें वर्षगांठ समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ”पुरातन को सहेज कर रखने और नयी चीजों को स्वीकारने से बनारस देश को एक नयी दिशा दे रहा है.”

कई चुनाव विश्लेषकों, उत्तर प्रदेश में प्रमुख विपक्षी दल और लोगों के एक वर्ग ने कहा कि अगले साल की शुरुआत में राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, इसके मद्देनजर इन कार्यक्रमों में एक ”सूक्ष्म राजनीतिक संदेश” छिपा है, जबकि नयी गलियारा परियोजना का साधु-संतों और बड़ी संख्या में स्थानीय निवासियों और अन्य राज्यों से आए लोगों ने स्वागत किया गया है, जिन्होंने इसके उद्घाटन की पूर्व संध्या पर तीर्थ स्थल का दौरा किया और विशाल परियोजना को ”अभूतपूर्व पैमाने” का किया गया काम करार दिया. परियोजना के तहत ”संकरी गलियों को हटाया गया” हालांकि कई अन्य लोग इसके बारे में उत्साहित नहीं हैं.

आगामी विधानसभा चुनाव लाभ उठाने का तरीका

मणिकर्णिका घाट की ओर जाने वाली गली में रहने वाले 72 वर्षीय लालजी यादव उद्घाटन समारोह से बहुत प्रभावित नहीं थे और उन्होंने आरोप लगाया कि यह ”आगामी उत्तर प्रदेश चुनाव में लाभ उठाने का तरीका” है. शहर के एक अन्य निवासी प्रभात सिंह ने दावा किया कि उनकी संपत्ति उन सैकड़ों इमारतों में से एक थी, जिसे गलियारे के लिए रास्ता बनाने के लिए तोड़ दिया गया और उन्होंने ”काशी भव्य कार्यक्रम” को ”सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा 2022 के विधानसभा चुनाव में राजनीतिक बढ़त हासिल करने के लिए एक हथकंडा” करार दिया.

 सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने दी थी तीखी प्रतिक्रिया 

विशाल गलियारा कार्यक्रम पर समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने सोमवार को इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने तंज कसते हुए कहा था कि ”जब अंत निकट होता है” तो लोग बनारस में रहते हैं. अखिलेश की इस टिप्पणी की भाजपा ने निंदा की और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री की तुलना मुगल बादशाह औरंगजेब से करते हुए कहा कि उनकी टिप्पणी ”निष्ठुर” है. यादव के इस बयान से उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी पारा बढ़ने की उम्मीद है.

यह भी पढ़ें…

UP Election 2022: अखिलेश यादव पर बरसे योगी के मंत्री नंद गोपाल नंदी, मुलायम सिंह यादव को लेकर दिया बड़ा बयान

UP Election 2022: मुख्यमंत्रियों के अयोध्या दौरे से बीजेपी को राजनीतिक फायदा क्या होगा?

[ad_2]

Source link

Aamawaaz

Aam Awaaz News Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2018. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2018.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button