उत्तर प्रदेश

बैंकों के निजीकरण पर वरुण गांधी ने उठाए सवाल, कहा- आदमी के बेटे को नौकरी कौन देगा?

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Varun Gandhi News: भारतीय जनता पार्टी से पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी ने एक बार फिर से सरकार पर निशाना साधा है. वरुण गांधी ने जहां एक ओर बैंकों के निजीकरण कर विरोध किया तो वहीं निजी कंपनियों पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि किसानों के हित में केवल मैं खड़ा हुआ था बाकी किसी सांसद की हिम्मत नहीं हुई.

बरेली के बहेड़ी में अलग-अलग गांव के निरीक्षण पर पहुंचे वरुण गांधी ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर बैंको का निजीकरण होगा तो जो 10 लाख लोग बेरोजगार होंगे, उनको दोबारा रोजगार कौन देगा, उनके बच्चों को कौन खिलायेगा. अगर bsnl, mtnl, एयरपोर्ट, एयरलाइन बिकेंगे तो आम आदमी के बेटे को नौकरी कौन देगा. आज एक आदमी आदमी नौकरी के लिए जाता है तो उससे उसकी काबिलियत नहीं पूछी जाती उससे कहा जाता है रिश्वत कितनी दोंगे. आपकी किसकी सिफारिश लाये हैं और इससे हमारा देश दीमक की तरह कमजोर होता है. आने वाले समय मे एक आम आदमी को रोजगार ढूढ़ने में दिक्कत आएगी.

किसान को लोन के लिए बहुत सारे कागज देने होते हैं- वरुण गांधी
वरुण गांधी ने कहा कि किसान को लोन के लिए बहुत सारे कागज देने होते हैं और जो 10 हजार करोड़ का लोन लेता है उसे कोई कागज नहीं देना होता और जब वो पैसे नहीं देता तो कहा जाता है 50 परसेंट दे दो. लेकिन आम आदमी के घर की कुर्की हो जाती है उसे बेइज्जत किया जाता है. मैं चाहता हूं आप सभी मेरा साथ दें, बहुत सारे लोग अपने स्वार्थ में राजनीति करते हैं. उन्होंने कहा कि जिनके पैरों में चप्पल नहीं थी वो बड़ी बड़ी कोठिया बना रहे हैं, बड़ी बड़ी कालोनियां काट रहे हैं. लेकिन वरुण गांधी इसी गाड़ी में आये थे चुनाव में आज भी इसी गाड़ी में आये और अगले चुनाव में भी इसी गाड़ी में आएंगे. लेकिन जब आपके गांव में कोरोना की दिक्कत थी, तो सारा ऑक्सीजन, दवाइयां, खाने के पैकेट वरुण गांधी ने अपने पैसों से दिए.

बीजेपी सांसद ने कहा कि किसानों का जब आंदोलन हुआ तो केवल वरुण गांधी ही बोला और कोई सांसद हिम्मत नहीं किया पूरे देश मे बोलने की, क्योंकि हर आदमी केवल अपनी राजनीति देख रहा है. देश में ऐसे लोगों की जरूरत है जो देश की दशा और दिशा के बारे में सोच रहे हैं.

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