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PM की कुर्सी बनी पाकिस्तान की पनौती, इतिहास में आज तक कोई 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया

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पाकिस्तान में इमरान खान भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए. तीन साल 228 दिन में ही उनकी कुर्सी चली गई. पाकिस्तान के इतिहास में आज तक ऐसा नहीं हुआ कि कोई प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूरा कर पाया हो. कभी कोई प्रधानमंत्री सदन में हार गया तो किसी को सेना ने हटा दिया. 

पाकिस्तान में आज तक कुल 30 प्रधानमंत्री रहे हैं जिसमें से 7 प्रधानमंत्री केयर टेकर रहे. यानी कुल 23 बार पाकिस्तान ने किसी को प्रधानमंत्री पद पर बैठाया है. लेकिन कोई भी अपने पांच साल पूरे नहीं कर पाया है. इसमें बड़ी वजह रही है सेना की राजनैतिक दखल की. यहां देखिए पूरी लिस्ट.

  • लियाकत अली खान 14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री बने थे. 4 साल 63 दिन बाद गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई.
  • जुल्फीकार अली भुट्टो पाकिस्तान के सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्रियों में से एक रहे हैं. 3 साल 325 दिन बाद उन्हें सेना की बगावत के आरोप में फांसी पर चढ़ा दिया गया. 
  • 1988 में बेनजीर भुट्टो पाकिस्तान की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी थीं. वह महज 1 साल 247 दिन पीएम रहीं. फिर 12 वोट से बेनजीर की सरकार गिर गई.
  • नवबंर 1990 में उनकी जगह आए पाकिस्तान मुस्लिम लीग के नेता नवाज शरीफ. लेकिन राजनैतिक उथल पुथल के चलते वो टिक पाए 2 साल 254 दिन.
  • अक्टूबर 1993 में हुए चुनावों में बेनजीर भुट्टो प्रधानमंत्री बनीं लेकिन इस बार टिक पाएं तीन साल 17 दिन. राष्ट्रपति ने उनकी सरकार को बर्खास्त कर दिया.
  • नवाज शरीफ की फरवरी 1997 में पूरे बहुमत के साथ वापसी हुई. इस बार उनकी सरकार चली सिर्फ 2 साल 237 दिन. सेनाध्यक्ष जनरल मुशर्रफ ने शरीफ की कुर्सी पलट दी.
  • इसके बाद पाकिस्तान में जनरल मुशर्रफ का राज चला. कभी मार्शल लॉ तो कभी राष्ट्रपति का चोला पहनकर. मुशर्रफ के दौर में भी कोई प्रधानमंत्री टिक नहीं पाया. मीर जफरुल्लाह खान जमाली एक साल 216 दिन पीएम रहे. चौधरी शुजात हुसैन 57 दिन रहे. शौकत अजीज 3 साल 79 दिन प्रधानमंत्री बने रहे.
  • दोबारा चुनाव हुए तो यूसुफ रजा गिलानी प्रधानमंत्री बने जिनके नाम पर सबसे ज्यादा दिन प्रधानमंत्री रहने का रिकॉर्ड है- 4 साल 86 दिन. गिलानी भी पांच साल पूरे नहीं कर पाए.
  • उनके बाद आए राजा परवेज अशरफ तो सिर्फ 275 दिन कुर्सी पर टिक पाए. 
  • 2013 में नवाज शरीफ की फिर वापसी हुई. लेकिन इस बार पनामा पेपर लीक में बात उलझ गई और उनकी कुर्सी 4 साल 53 दिन में चली गई. 

बची हुई अवधि सैयद काखन अंसारी ने पूरी की. यानी पिछले तीस साल में पाकिस्तान ने 12 प्रधानमंत्री देखे हैं. पाकिस्तान में इस राजनैतिक अस्थिरता की वजह है, भ्रष्टाचार और राजनैतिक विरोध. पाकिस्तान में अलग-अलग क्षेत्रों के अलग-अलग क्षत्रप हैं. अगर कोई नेता आगे बढ़ता है तो उसे पैर खींच कर गिराने में सेना हमेशा से आगे रहती है. इसी वजह से पाकिस्तान में पीएम होना पनौती बन गया है.

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