अंतरराष्ट्रीय

2,750 LKR की रसोई गैस, 3,583 की हल्दी, श्रीलंका में हाहाकार, सातवें आसमान पर महंगाई

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]

श्रीलंका 70 से अधिक सालो में अपने सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है. अकेले मार्च महीने में खाद्य कीमतों में रिकॉर्ड 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई है. श्रीलंकाई करेंसी LKR (एलकेआर) की वैल्यू डॉलर के मुकाबले आधी हो चुकी है जिसके चलते जरूरी सामान की कीमतें आसमान छू रही हैं. डीजल-पेट्रोल से लेकर खाने-पीने के सामानों की कीमते पहले के मुकाबले बहुत बढ़ गई हैं. 

आइये देखते हैं क्या हैं वहां के हालात

पेट्रोल का दाम
2021- एलकेआर 137/लीटर 
2022- एलकेआर 254/लीटर
एक साल की कीमत में 85% बदलाव 

डीज़ल
2021- एलकेआर 104/लीटर
2022- एलकेआर 176/लीटर

रसोई गैस
2021- एलकेआर 1,493/12.5 किग्रा
2022- एलकेआर 2,750/12.5
एक साल में 84% बदलाव 

हल्दी
2019- एलकेआर 659.9/किग्रा
2022- एलकेआर 3,583.33/किग्रा

रोटी
2019- 62.4/450g
2022- 80/450g

चावल
2019- 84.1/किग्रा
2022- 162.52/किग्रा

पिनपिनसी
2019- 172.7/ग्राम
2022- 262.5/ग्राम

मसूर की दाल
2019- 149.8/किग्रा
2022- 325.72/किग्रा

चने
2019- एलकेआर 239.6/किग्रा
2022- 377.55/किग्रा

श्रीलंका के पास अभी कितने रुपए

श्रीलंका की आर्थिक बदहाली की बड़ी वजह विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट है. श्रीलंका के विदेशी मुद्रा भंडार में 70 फीसदी की गिरावट आई है. फिलहाल श्रीलंका के पास 2.31 अरब डॉलर बचे हैं. विदेशी मुद्रा के रूप में सिर्फ 17.5 हजार करोड़ रुपये ही श्रीलंका के पास हैं. श्रीलंका कच्चे तेल और अन्य चीजों के आयात पर एक साल में खर्च 91 हजार करोड़ रुपये खर्च करता है. खर्च 91 हजार करोड़ रुपये का है, लेकिन श्रीलंका के पास सिर्फ 17.5 हजार करोड़ रुपये ही है. 

श्रीलंका पर 51 अरब डॉलर के कर्ज का बोझ

चीन का श्रीलंका के ऊपर 5 बिलियन डॉलर से ज्यादा का कर्ज है.  भारत और जापान जैसे देशों के अलावा आईएमएफ (IMF) एशियन डवलैपमेंट बैंक जैसे संस्थानों का भी लोन उधार है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल 2021 तक श्रीलंका के ऊपर कुल 35 बिलियन डॉलर का विदेशी कर्ज था, जो अब 51 अरब डॉलर पर पहुंच चुका है.

यह भी पढ़ें.

श्रीलंका आर्थिक संकट: राष्ट्रपति राजपक्षे के खिलाफ उठ रही है आवाज, स्पीकर बोले- नहीं सुधरे हालात तो आएगी भुखमरी की नौबत

ब्रिटेन ने मॉस्को के खिलाफ लगाए सबसे कड़े प्रतिबंध, पीएम जॉनसन ने कहा- रूस ने बूचा में जो किया वो नरसंहार से कम नहीं

Source link

Aamawaaz

Aam Awaaz News Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2018. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2018.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button