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रामनवमी हिंसा: कनाडा के नेता जगमीत सिंह ने कहा- मुस्लिम विरोधी भवनाओं को रोके मोदी सरकार

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कनाडा की न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता जगमीत सिंह ने गुरुवार ( 14 अप्रैल) को भारत में मुसलमानों के खिलाफ हिंसा के बढ़ते खतरे पर चिंता व्यक्त की. राम नवमी  के दिन कई भारतीय शहरों और कस्बों में पैदा हुए सांप्रदायिक तनाव और हिंसा की घटनाओं के कुछ दिनों बाद उनका ट्वीट आया. 

सिंह ने अपने ट्वीट में कहा, “मैं भारत में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हिंसा की तस्वीरों, वीडियो और लक्षित खतरों के बारे में गहराई से चिंतित हूं. मोदी सरकार को मुस्लिम विरोधी भावनाओं को उकसाने से रोकना चाहिए. मानवाधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए. हर जगह शांति की दिशा में कनाडा को एक मजबूत भूमिका निभानी चाहिए.”

 

बता दें जगमीत सिंह की पार्टी ने बीते चुनावों में 24 सीटें जीती थीं और वह किंगमेकर की भूमिका में आ गए थे. सिंह की पार्टी कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार के अहम सहयोगी है. 

रामनवमी की रैलियों में भाग लेने वालों के मस्जिदों और मुस्लिम आबादी वाले क्षेत्रों के सामने जुलूस निकालने के वीडियो वायरल हुए हैं. मध्य प्रदेश के बड़वानी, गुजरात, झारखंड, पश्चिम बंगाल, गोवा, मुंबई और यहां तक कि दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से अशांति और हिंसा की खबरें सामने आई थीं, जहां कई छात्र घायल हुए थे.

रामनवमी के दिन जहां कई राज्यों में हिंसा और झड़पें हुईं, वहीं मध्य प्रदेश के खरगोन में, हिंसा के कारण सरकार ने 16 घरों और 29 दुकानों को गिरा दिया, जिनमें से ज्यादातर मुस्लिम समुदाय के थे. 

इस बीच माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने रामनवमी के दौरान सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं को लेकर बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि इस मुद्दे पर उनकी चुप्पी इस बात का ‘महत्वपूर्ण प्रमाण’ है कि ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वालों को आधिकारिक संरक्षण प्राप्त है.

येचुरी ने कहा कि रामनवमी के दौरान इतने बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं “कभी देखी और सुनी नहीं गईं.” उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर देश में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को तेज करने के “एकमात्र एजेंडे” के साथ काम करने का आरोप लगाया. वाम नेता ने कहा कि उनकी पार्टी इस मुद्दे को केंद्र के समक्ष उठाएगी और इस मुद्दे पर सभी विपक्षी दलों को साथ लाने का भी प्रयास करेगी.

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