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UNICEF और UNESCO ने कहा- अफगान लड़कियों के स्कूल पर पाबंदी शिक्षा के मौलिक अधिकार का हनन

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यूनाइटेड नेशन एजुकेशनल साइंटिफिक एंड क्लचरल ऑर्गेनाइजेशन  (UNESCO) और यूनाइटेड नेशनल चिल्ड्रेन फंड (UNICEF) ने कहा है कि अफगान लड़कियों के स्कूलों को बंद करना शिक्षा के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है. टुलू न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, यूनेस्को के महानिदेशक ऑड्रे अज़ोले ने एक बयान में कहा कि अगर लड़कियों के स्कूल बंद रहते हैं, तो यह लड़कियों और महिलाओं के शिक्षा के मौलिक अधिकार का एक महत्वपूर्ण उल्लंघन होगा.

लड़कियों को जल्द स्कूल लौटने की अनुमति मिले

अज़ोले ने कहा कि “यूनेस्को ने चेतावनी दी है कि अगर लड़कियों को शिक्षा के सभी स्तरों पर तेजी से स्कूल लौटने की अनुमति नहीं दी जाती है तो इसके अपरिवर्तनीय परिणाम होंगे. खास तौर पर माध्यमिक विद्यालय में लड़कियों की देरी से वापसी से उन्हें शिक्षा और अंततः जीवन में पीछे छूटने का जोखिम हो सकता है. यहां तक कि लड़कियां शिक्षा से पूरी तरह से बाहर हो जाएंगी और बाल विवाह जैसे प्रथा बढ़ेंगी यह लड़कों और लड़कियों के बीच सीखने की असमानताओं को और बढ़ा सकता है, और अंततः लड़कियों की उच्च शिक्षा और जीवन के अवसरों तक पहुंच में बाधा उत्पन्न कर सकता है, “

अफगानिस्तान में लड़कियों की शिक्षा में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है

टुलू न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, यूनेस्को और यूनिसेफ दोनों ने कहा कि अफगानिस्तान ने शिक्षा के क्षेत्र में, विशेष रूप से लड़कियों की शिक्षा में महत्वपूर्ण प्रगति की है और उन्हें संरक्षित किया जाना चाहिए. अज़ोले ने कहा कि शिक्षित लड़के और लड़कियां अफगानिस्तान के भविष्य को आकार देंगे इसलिएं उन्हें शिक्षा के अधिकारों का समान रूप से लाभ उठाना चाहिए.

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