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रूस के बाहर सेना का इस्तेमाल कर सकते हैं पुतिन, संसद ने दी मंजूरी

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मॉस्को: रूसी संसद के ऊपरी सदन ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin ) को देश के बाहर सेना के इस्तेमाल की अनुमति दे दी है. पुतिन ने इस संबंध में संसद के ऊपरी सदन को एक पत्र लिखा था।. 

इससे पहले उप रक्षा मंत्री निकोले पंकोव (Nikolay Pankov) ने चैंबर के एक सत्र में कहा. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस के उच्च सदन (Russia’s upper house) से यूक्रेन (Ukraine) में अलगाववादियों (separatists) का समर्थन करने के लिए देश के बाहर सेना के इस्तेमाल को मंजूरी देने के लिए कहा है.  पुतिन के अनुरोध पर बुलाए गए फेडरेशन काउंसिल के एक अनिर्धारित सत्र के दौरान उप रक्षा मंत्री ने कहा, “बातचीत रुक गई है. यूक्रेनी नेतृत्व ने हिंसा और रक्तपात का रास्ता अपनाया है.”

रूस ने दी दो क्षेत्रों को देश की मान्यता 
गौरतलब है कि एक दिन पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) द्वारा पूर्वी यूक्रेन (Ukraine) में रूस समर्थित अलगाववादी दो क्षेत्रों- ‘डोनेट्स्क और लुहान्स्क पीपुल्स रिपब्लिक’’ को एक “स्वतंत्र” देश के तौर पर मान्यता दे दी है. इतना ही नहीं पुतिन ने रूसी बलों को पूर्वी यूक्रेन के अलगाववादी क्षेत्रों में ‘‘शांति बनाए रखने’’ का आदेश दिया है. इस आदेश को दोनों क्षेत्रों में रूसी सेना की तैनाती के तौर पर देखा जा रहा है. इन दो क्षेत्रों को मान्यता देने के विरोध में अमेरिका ( US) और उसके यूरोपीय सहयोगी देश रूस पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी में हैं.

पश्चिम का कहना है कि यूक्रेन में पुतिन के कदमों ने अनगिनत अंतरराष्ट्रीय समझौतों का उल्लंघन किया है और चूंकि कूटनीति के शब्द विफल हो गए, इसलिए कार्रवाई की ओर बढ़ने का समय आ गया है.

ब्रिटेन और जर्मनी ने लगाए प्रतिबंध 
जर्मनी (Germany) ने पहला बड़ा कदम उठाया और रूस से ‘नॉर्ड स्ट्रीम 2’ गैस पाइपलाइन के प्रमाणन की प्रक्रिया को रोकने की कार्रवाई शुरू कर दी. यह मॉस्को के लिए एक आकर्षक सौदा था और रूसी ऊर्जा आपूर्ति पर यूरोप की निर्भरता बढ़ने की अमेरिका ने आलोचना की थी. ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन (Boris Johnson)ने भी रूस के लिए प्रतिबंधो की घोषणा कर दी है. उन्होंने कहा, “ब्रिटेन मॉस्को (Moscow) सेना की तैनाती के बाद पांच रूसी बैंकों, तीन ‘हाई नेट वर्थ वाले व्यक्तियों’ पर प्रतिबंध लगाएगा.”

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