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‘भोजन बचाएं, बर्फ पिघालकर पानी बनाएं, तख्ती पर लिखें ये शब्द’

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Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच आज युद्ध का नौवां दिन है और ये लड़ाई अब दिन पर दिन तेज होती जा रही है. अभी भी बड़ी संख्या में भारतीय छात्र युक्रेन के खारकीव शहर में फंसे हैं. ऐसे में रक्षा मंत्रालय ने खारकीव में फंसे भारतीयों के लिए परामर्श की एक सूची जारी की है, क्योंकि वहां हालात बेहद बिगड़े हुए हैं और कभी भी वहां और ज्यादा मुश्किलें पैदा हो सकती है.

फटाफट जानिए रक्षा मंत्रालय ने भारतीयों से क्या-क्या करने को कहा है?

  • भारतीयों के प्रत्येक समूह या दस्ते को लहराने के लिए एक सफेद झंडा या सफेद कपड़ा रखना चाहिए.
  • भोजन और पानी बचाएं और उसे साझा करें, शरीर में पानी की मात्रा बनाएं रखें, भरपेट भोजन करने से बचें और राशन बचाने के लिए कम खाएं.
  • हवाई हमले, तोपों से गोलाबारी, छोटे हथियारों से गोलीबारी, ग्रेनेड विस्फोट जैसी कुछ संभावित खतरनाक या मुश्किल स्थिति हैं, जिनके खारकीव में पेश आने की आशंका है.
  • खारकीव में फंसे भारतीय चौबीसों घंटे अपने पास आवश्यक वस्तुओं की एक छोटी किट रखें.
  • आपात स्थिति उपयोग किट में पासपोर्ट, पहचान पत्र, जरूरी दवा, जीवन रक्षक दवा, टॉर्च, दियासलाई, लाइटर, मोमबत्ती, नकदी, पावर बैंक, पानी, प्राथमिक उपचार किट, दस्ताने, गर्म जैकेट आदि चीजें होनी चाहिए.
  • अगर आप खुद को खुले स्थान या मैदान में पाएं तो बर्फ पिघालकर पानी बनाएं.
  • भारतीय खुद को छोटे समूहों या 10 भारतीय छात्रों के दस्ते में रखें. साथ ही, हर 10 लोगों के समूह में एक समन्वयक और एक उप समन्वयक रखें.
  • मानसिक रूप से मजबूत रहें और दहशत में नहीं आएं.
  • एक व्हाट्सऐप ग्रुप बनाएं. विवरण, नाम, पता, मोबाइल नंबर और भारत में अपने संपर्क को संकलित करें.
  • व्हाट्सऐप पर अपनी भोगौलिक स्थिति को दूतावास या नई दिल्ली में स्थित नियंत्रण कक्ष से शेयर करें और हर आठ घंटे पर सूचना अद्यतन करें.
  • खारकीव में फंसे भारतीय मोबाइल फोन से अनावश्यक ऐप हटा दें और बैटरी बचाने के लिए फोन पर बात कम करें और उसकी ध्वनि कम रखें.
  • भारतीयों को निर्धारित क्षेत्र में, बेसमेंट या बंकर में रहना चाहिए.
  • रूसी भाषा में दो या तीन वाक्य बोलना सीखें (उदाहरण के तौर पर: हम छात्र हैं, हम लड़ाके नहीं हैं, कृपया हमे नुकसान नहीं पहुंचाइए, हम भारत से हैं).’’
  • संक्षिप्त नोटिस पर दूसरी जगह जाने के लिए तैयार रहें.
  • सैन्य वाहनों या सैनिकों के साथ या जांच चौकी पर या मिलीशिया के साथ तस्वीरें या सेल्फी नहीं लें.

बता दें कि रोमानिया, हंगरी और पोलैंड जैसे यूक्रेन के पश्चिमी पड़ोसी देशों से होकर 26 फरवरी से भारत अपने नागरिकों को निकाल रहा है. हालांकि, भारतीयों का एक वर्ग-विशेषकर छात्र-खारकीव में फंसे हुए हैं, जो रूसी सीमा के नजदीक पूर्वी यूक्रेन में है.

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