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यूक्रेन संकट को लेकर NATO की आज अहम बैठक, जंग में सीधे शामिल होने से क्यों परहेज कर रहा है नाटो

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यूक्रेन पर रूसी सैनिकों (Russian Soldiers) की ओर से लगातार हमले जारी हैं. शांति बहाली को लेकर दोनों देशों के अधिकारियों के बीच बैठकें भी हुई हैं लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई ठोस निर्णय नहीं हुआ है. इस बीच उत्तर अटलांटिक संधि संगठन यानी नाटो (NATO) ने आपातकालीन बैठक बुलाई है. नाटो शुक्रवार को यूक्रेन में रूस के पूर्ण पैमाने पर हमले की शुरूआत पर अहम बैठक करेगा. न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) द्वारा पिछले हफ्ते यूक्रेन पर हमले का आदेश दिए जाने के बाद नाटो सहयोगी अपने पूर्वी हिस्से को मजबूत करने के लिए सक्रिय दिख रहे हैं. अभी तक नाटो के सदस्य देश सीधे तौर पर रूस के खिलाफ यूक्रेन के समर्थन में सैन्य कार्रवाई को लेकर परहेज कर रहे हैं.
 
यूक्रेन संकट को लेकर नाटो की अहम बैठक

नाटो का मानना है कि यूक्रेन अब तक उसका मेंबर नहीं बना है इसलिए फिलहाल सीधे सैन्य हस्तक्षेप नहीं करेगा. हालांकि नाटो के सदस्य देश अप्रत्यक्ष तौर से यूक्रेन का समर्थन कर रहे हैं. पिछले हफ्ते यूक्रेन पर रूसी हमले के जवाब में नाटो ने पहली बार रक्षा को मजबूत करने के लिए अपनी रैपिड रेस्पॉन्स फोर्स (Rapid Response Force) को सक्रिय किया. एक संयुक्त बयान में कहा गया था कि नाटो (NATO) की रक्षा योजनाओं को एक्टिव कर दिया है ताकि किसी तरह की आकस्मिक घटनाओं का जवाब देने और गठबंधन क्षेत्र को सुरक्षित करने के लिए खुद को तैयार किया जा सके. 

यूक्रेन में रूस का हमला जारी 

रूस नाटो की विस्तार योजना का विरोध कर रहा है. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन नहीं चाहते हैं कि यूक्रेन नाटो का मेंबर बने और इस बात की गारंटी वो अमेरिका और नाटो से चाहते हैं लेकिन दोनों ने इसे मानने से मना किया है. यूक्रेन में जंग छिड़ने के पहले से ही अमेरिका समेत कई देश रूस को अंजाम भुगतने की चेतावनी देते रहे हैं. युद्ध शूरू होने के बाद अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस समेत कई देशों ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं. आर्थिक और हवाई नाकेबंदी भी की गई है. हर मोर्चे पर रूस को अलग-थलग करने की कोशिश की जा रही है.

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