नईदिल्ली, कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में बवाल की खबरें सामने आ रही हैं। बैठक में जहां अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की वहीं सूत्रों की मानें तो राहुल गांधी ने नेतृत्व बदलने वाली चिट्ठी की टाइमिंग को लेकर तल्ख तेवर अपना लिए। इस पर बैठक में अच्छा खासा वाकयुद्ध हुआ। यहां तक कि कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला को यहां तक कहना पड़ रहा है कि राहुल गांधी ने भाजपा से मिलीभगत वाली कोई बात ही नहीं कही।
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बैठक में आरोप लगाया कि जिन्होंने इस वक्त चिट्ठी लिखी है वो भाजपा से मिले हुए हैं। इस पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता खफा हो गए और उन्होंने पलटवार किया। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने बैठक के दौरान ही ट्वीट किया। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि राहुल गांधी कह रहे हैं हम भारतीय जनता पार्टी से मिले हुए हैं, मैंने राजस्थान हाईकोर्ट में कांग्रेस पार्टी का सही पक्ष रखा, मणिपुर में पार्टी को बचाया। पिछले 30 साल में ऐसा कोई बयान नहीं दिया जो किसी भी मसले पर भारतीय जनता पार्टी को फायदा पहुंचाए. फिर भी कहा जा रहा है कि हम भारतीय जनता पार्टी के साथ हैं।
इस ट्वीट के बाद कपिल सिब्बल ने ट्विटर पर लिखा कि राहुल गांधी ने खुद उन्हें बताया कि उन्होंने ऐसे शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है, ऐसे में मैं अपना पुराना ट्वीट हटा रहा हूं। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के तेवर खासे तीखे थे। राहुल गांधी ने कहा, सोनिया गांधी के अस्पताल में भर्ती होने के समय ही पार्टी नेतृत्व को लेकर पत्र क्यों भेजा गया था उन्होंने मीटिंग में कहा कि पार्टी नेतृत्व के बारे में सोनिया गांधी को पत्र उस समय लिखा गया था जब राजस्थान में कांग्रेस सरकार संकट का सामना कर रही थी। पत्र में जो लिखा गया था उस पर चर्चा करने का सही स्थान सीडब्ल्यूसी की बैठक है, मीडिया नहीं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह पत्र बीजेपी के साथ मिलीभगत में लिखा गया। प्रियंका गांधी ने भी गुलाम नबी आजाद से नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने राहुल के सुर में सुर मिलाया है। दूसरी तरफ, गुलाम नबी आजाद ने कहा कि अगर बीजेपी से मिलीभगत साबित हो जाती है तो वे इस्तीफा दे देंगे।
बैठक में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि अगर वह किसी भी तरह से भाजपा से मिले हुए हैं, तो वह अपना इस्तीफा दे देंगे। कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद उन 23 नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने कांग्रेस वर्किंग कमेटी से पहले चि_ी लिखी थी। चिट्ठी में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर सवाल खड़े किए गए और कहा गया कि इस वक्त एक ऐसे अध्यक्ष की मांग है कि जो पूर्ण रूप से पार्टी को वक्त दे सके।