[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]
[ad_1]
पटना: जनसंख्या नियंत्रण को लेकर नई नीति भले ही बिहार के पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में लागू की गई है. लेकिन योगी सरकार के इस बड़े फैसले की तपिश बिहार की राजनीति तक पहुंच रही है. सूबे के नेता नई नीति पर अपनी-अपनी प्रक्रिया दे रहे हैं. वहीं, बिहार एनडीए के नेता कानून को लेकर आमने-सामने आ गए हैं. दरअसल, सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर कह दिया था कि वे फिलहाल ऐसे किसी कानून को लागू करने के पक्ष में नहीं है. दूसरे राज्यों को अधिकार है वो अपने ढंग से फैसले ले. लेकिन यहां हम अपने तरीके और सोच के अनुसार फैसले लेंगे. केवल कानून बना देने से जनसंख्या नियंत्रण नहीं हो सकता. इसके लिए जागरूकता आवश्यक है.
आरजेडी ने मुख्यमंत्री पर लगाया आरोप
मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद कई बीजेपी नेताओं का बयान आया , जिन्होंने ना केवल खुले कंठ से योगी सरकार के फैसले की तारीफ की, बल्कि वे जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करने के पक्ष में भी दिखे. वहीं, बिहार में भी उसे लागू करने की मांग की. अब एनडीए नेताओं के इस मतभेद पर विपक्ष हमलावर हो गया है. आरजेडी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. साथ ही उनपर बिहार में साम्प्रदायिक शक्तियों को बढ़ावा देने का आरोप भी लगाया है.
आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण कानून पर जब सरकार में शामिल दो दलों की नीतियां ही स्पष्ट नहीं हैं, तो आगे इसपर किस प्रकार फैसला लिया जाएगा, ये समझा जा सकता है. बीजेपी नेताओं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राय अलग-अलग है. ऐसे में जब विचार नहीं मिल रहे तो कुर्सी छोड़ देना चाहिए. बीजेपी का साथ छोड़ देना चाहिए. लेकिन वो ऐसा करेंगे नहीं. इस मुद्दे पर फिर एक बार नीतीश कुमार की दोहरी राजनीति सामने आ गई है.
ध्यान भटकाने के लिए बनाया कानून
उन्होंने कहा कि अब उत्तर प्रदेश में चुनाव है, तो सीएम योगी आदित्यनाथ ने जनसंख्या कानून बनाकर असली मुद्दे से लोगों का ध्यान भटकाने का प्रयास किया है. कानून पर बीजेपी ने अलग राय रखी है. ऐसे में नीतीश पहले बीजेपी से निपट लें. विपक्ष की तो राय है कि इस मुद्दे पर आम सहमति बनाई जानी चाहिए. सर्वदलीय बैठक बुलाई जानी चाहिए. किसी कानून को थोपा नहीं जाना चाहिए.
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ” बीजेपी की मंशा ठीक नहीं है. बीजेपी हर मुद्दे में धर्म की बातें करती है, ताकि उस आधार पर लोगों को बांटा जा सके. नीतीश कुमार ने बिहार में साम्प्रदायिक शक्तियों को बढ़ावा देने का काम किया है. उन्होंने बीजेपी को फलने फूलने का मौका दिया है. अब वे बीजेपी से अलग राय रखकर केवल लोगों की आंखों धूल झोंक रहे हैं.”
[ad_2]
Source link