राष्ट्रीय

पेगासस मुद्दे पर TMC नेताओं ने घोड़े के साथ निकाला जुलूस, मदन मित्रा ने बांधी काली पट्टी

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]

[ad_1]

इजरायली सॉफ्टवेयर पेगासस के जरिए देश के नेताओं, मंत्रियों और पत्रकरों समेत जानी-मानी शख्सियतों की जासूसी की रिपोर्ट सामने आने के बाद विपक्षी दल लगातार केन्द्र सरकार पर हमलावर है. इसको लेकर जहां संसद में विरोधी दलों के नेताओं की तरफ से हंगामा कर सरकार से जवाब मांगा जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ वे सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने गुरूवार को घोड़े के साथ जुलूस निकाला. इसके साथ ही, पार्टी के नेता मदन मित्रा ने आंखों पर काली पट्टी बांधकर अपना विरोध दर्ज कराया.

सामना में ममता बनर्जी के कदम की तारीफ

इधर, शिवसेना ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पेगासस जासूस कांड की पड़ताल के लिए जांच आयोग गठित करने के फैसले की गुरूवार को सराहना की और कहा कि बनर्जी ने जो किया वह दरअसल केन्द्र सरकार को करना चाहिए था. शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के सम्पादकीय में जासूसी कांड की ‘‘विस्तृत जांच’’ के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति गठित करने की विपक्ष की मांग पर ध्यान नहीं देने पर केन्द्र की आलोचना की.

मराठी समाचार पत्र में कहा गया, यह काफी ‘‘रहस्यपूर्ण’’ बात है कि दो केन्द्रीय मंत्रियों, कुछ सांसदों, उच्चतम न्यायालय और सशस्त्र बलों के वरिष्ठ अधिकारियों तथा पत्रकारों की कथित ‘फोन टैपिंग’ के मामले को केन्द्र उतनी गंभीरता से नहीं ले रहा, जितना यह वास्तव में है. बनर्जी ने सोमवार को कहा था कि उनकी सरकार ने इज़राइल के स्पाईवेयर ‘पेगासस’ से राजनेताओं, अधिकारियों और पत्रकारों की जासूसी के आरोपों की जांच के लिए दो सदस्यीय आयोग का गठन किया है.

‘सामना’ के सम्पादकीय में ममता बनर्जी के इस कदम की सराहना करते हुए कहा गया, ‘‘देश के लोग ‘पेगासस’ को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), आयकर की एक और संबद्ध शाखा के रूप में देखेंगे। बनर्जी का कदम साहसिक है. उन्होंने एक न्यायिक आयोग का गठन किया और जासूसी मामले की जांच शुरू की. उन्होंने वह किया जो केन्द्र को करना चाहिए था.’’

300 से अधिक मोबाइल नंबर रिकॉर्ड करने की रिपोर्ट

इसमें कहा गया कि मुख्यमंत्रियों को अपने राज्यों के नागरिकों के अधिकारों और लोगों की स्वतंत्रता की रक्षा करनी चाहिए और बनर्जी ने इस संबंध में ‘‘सभी को जागरूक’’ करने का काम किया है. सम्पादकीय में कहा गया कि जासूसी कांड के लिए जांच आयोग का गठन कर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने केन्द्र को एक ‘‘झटका’’ दिया है.

गौरतलब है कि पिछले सप्ताह कुछ मीडिया संगठनों के अंतरराष्ट्रीय समूह ने कहा था कि भारत में पेगासस स्पाइवेयर के जरिए 300 से अधिक मोबाइल नंबरों की कथित निगरानी की गयी. इसमें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, केन्द्रीय मंत्रियों प्रह्लाद पटेल तथा अश्विनी वैष्णव और 40 से अधिक पत्रकारों, तीन विपक्षी नेताओं के अलावा अनेक कार्यकर्ताओं के नंबर भी थे. सरकार हालांकि इस मामले में विपक्ष के सभी आरोपों को खारिज करती रही है.

ये भी पढ़ें: गोवा के बीच पर दो नाबालिगों का रेप, मुख्यमंत्री सावंत बोले- इतनी देर रात तक बाहर क्यों थी लड़कियां



[ad_2]

Source link

Aamawaaz

Aam Awaaz News Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2018. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2018.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button