टेक्नोलॉजी

याहू मैसेंजर अब पूरी तरह बंद

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]
इंस्टेंट मैसेजिंग की दुनिया से जिसने लोगों को रूबरू कराया और आपके डेस्कटॉप व मोबाइल में ख़ास जगह बना ली, मैसेजिंग की दुनिया में क्रांति लाने वाला वही याहू मैसेंजर अब पूरी तरह बंद हो गया है. याहू मैसेंजर पहली इंस्टेट मैसेजिंग सर्विस में से एक माना जाता है. एक समय था जब कंप्यूटर और इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों के पास इसके न होने की कल्पना नहीं की जा सकती थी. लेकिन, याहू ने 17 जुलाई से अपनी मैसेजिंग सर्विस याहू मैसेंजर को बंद कर दिया है. इससे पहले याहू ने कहा था, ”हमने नया और बेहतर कम्यूनिकेशन टूल लाने के लिए याहू मैसेंजर को बंद किया है जो उपभोक्ताओं की ज़रूरतों के ज़्यादा अनुरूप हो.” लेकिन जिसने मैसेजिंग की दुनिया में एक समय तक राज किया और दूसरी कंपनियों को इस क्षेत्र में आने की राह दिखाई, आखिर वो ही बदलते वक्त के साथ कैसे पिछड़ गया. आज याहू मैसेंजर को बंद करने की नौबत क्यों आई.
टेक्नोलॉजी की दुनिया में जब तक आप शीर्ष पर रहें, दुनिया में दूसरे क्षेत्रों की कंपनियों के मुक़ाबले बचना बड़ा मुश्किल होता है. लगातार उपभोक्ताओं की ज़रूरतें और तकनीक बदलती रहती है और आपको उसके साथ चलना होता है. लेकिन, याहू मैसेंजर लोगों की उम्मीदों से पीछे रह गया. लोगों को सिर्फ़ एक मैसेंजर नहीं चाहिए था बल्कि उन्हें सबकुछ चाहिए था. पूरी ऑनलाइन दुनिया चाहिए थी जो उन्हें गूगल ने और यहां तक कि माइक्रोसॉफ़्ट ने भी याहू से बेहतर दी.
जिस ढंग से टेक्नोलॉजी उभर रही है और आगे बढ़ रही है, मैसेजिंग अब सिर्फ़ टेक्स्ट के ज़रिए मैसेज देने का जरिया नहीं रहा.
अब यूज़र्स गूगल हैंगआउट, स्काइप जैसी सर्विस का वीडियो कॉलिंग के लिए इस्तेमाल करते हैं. यहां उन्हें वीडियो के साथ टेक्सट भी मिल रहा है. उनके बढ़ने की रफ़्तार याहू के मुकाबले तेज़ रही है. याहू में भी आप ये सब कर सकते हैं, लेकिन याहू ने जिस तरह इस बदलाव को देखा वो शायद उनके ग्राहकों की उम्मीद से थोड़ा कम था. दरअसल, ग्राहकों को जब आगे बढ़कर ये सुविधाएं देने की ज़रूरत थी तो वहां याहू चूक गया. दूसरी कंपनी जब बेहतर फ़ीचर दे देती है तो आप बस उसका पीछा कर सकते हैं, उससे आगे नहीं निकल पाते. कुछ साल पहले माइक्रोसॉफ़्ट का नाम भी सुना जाता था. उसे इस ढंग से बनाया गया था ​कि अगर आप उस पर लॉग इन कर लेते हैं तो दूसरी किसी भी माइक्रोसॉफ़्ट सर्विस का इस्तेमाल कर सकते हैं
लेकिन, जितनी तेज़ी से वो आया क़रीब-क़रीब उतनी ही तेज़ी से ग़ायब भी हो गया. कह सकते हैं कि बड़ी कंपनियां भी ग़लती करती हैं. माइक्रोसॉफ़्ट की कोशिश थी कि वो इंटरनेट को एक ढंग से अपने यूज़र्स के ज़रिए नियंत्रित करे. याहू जहां पीछे रह गया वहीं, माइक्रोसॉफ़्ट कुछ आगे निकलने की कोशिश कर रहा था. लेकिन दोनों की कोशिशें सही नहीं रहीं और ग्राहकों ने उन्हें नकार दिया. टेक की दुनिया में ये कोई अजूबे वाली बात नहीं है.

गूगल जैसी कंपनी ने ग्राहक को समझने की कोशिश की. आप उसे जितना बड़ा आसमान देंगे वो उतना ख़ुश होगा. जैसे जीमेल में एक बार आप लॉग इन कर लें तो उसकी कोई भी सर्विस इस्तेमाल कर सकते हैं.
चाहे वो उसका ऑनलाइन स्टोरेज हो, वीडियो कॉलिंग या चैट की सर्विस हो- कुछ भी इस्तेमाल कर सकते हैं. कई कंपनियां ग्राहक को इतनी सुविधाएं नहीं दे पातीं. कुछ यही स्थिति याहू के साथ भी रही है. हालांकि, कई बार समय की भी बात होती है. जैसे इत्तेफ़ाक ही है कि गूगल ने ऐसे समय में इन सर्विसेज़ की शुरुआत की जब लोगों का इस्तेमाल करने का तरीका भी बदल रहा था. लेकिन तब तक याहू बहुत पीछे छूट चुका था.

Aamawaaz

Aam Awaaz News Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2018. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2018.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button