NEWS FLASHराजनीतिराष्ट्रीय

नवोन्मेष के बिना मनुष्य का संतुलित विकास संभव नहीं: पीएम मोदी

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]
नई दिल्ली , प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि ज्ञान और शिक्षा सिर्फ किताबी नहीं हो सकते तथा शिक्षा का मकसद व्यक्ति के हर आयाम का संतुलित विकास करना है जो नवोन्मेष के बिना संभव नहीं है। प्रधानमंत्री ने यहां पुनरुत्थान के लिये शिक्षा पर अकादमिक नेतृत्व विषय पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, हमारे प्राचीन तक्षशिला, नालंदा, विक्रमशिला जैसे विश्वविद्यालयों में ज्ञान के साथ नवोन्मेष पर भी जोर दिया जाता था। नवोन्मेष के बिना व्यवस्था बोझ बन जाती है। मोदी ने कहा कि इस वास्तविकता को स्वीकार करना होगा कि आज दुनिया में कोई भी देश, समाज या व्यक्ति एकाकी होकर नहीं रह सकता।
उन्होंने कहा, हमें वैश्विक नागरिक और विश्व परिवार के दर्शन पर सोचना ही होगा। ये दर्शन हमारे संस्कारों में प्राचीन काल से ही मौजूद है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा से उच्च विचार, उच्च आचार, उच्च संस्कार और उच्च व्यवहार के साथ ही समाज की समस्याओं का उच्च समाधान भी उपलब्ध करती है। मोदी ने कहा, मेरा आग्रह है कि विद्यार्थियों को कालेज, यूनिवर्सिटी के क्लास रुम में तो ज्ञान दें हीं, लेकिन उन्हें देश की आकांक्षाओं से भी जोड़े। उन्होंने कहा, इसी मार्ग पर चलते हुए केंद्र सरकार की भी यही कोशिश है कि हम हर स्तर पर देश की आवश्यकताओं में शिक्षण संस्थानों को भागीदार बनाएं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस सोच के साथ सरकार ने अटल टिंकरिंग लैब की शुरुआत की है। इसमें स्कूली बच्चों में नवोन्मेष की प्रवृत्ति बढ़ाने पर ध्यान दिया जा रहा है। मोदी ने कहा कि सरकार शिक्षा जगत में निवेश पर भी ध्यान दे रही है। शिक्षा का आधारभूत ढांचे को बेहतर बनाने के लिए राइज यानी रिवाइटलाइजेशन आफ इंफ्रास्ट्रक्चर इन एजुकेशन कार्यक्रम शुरु किया गया है। उन्होंने कहा, सरकार ने वर्ष 2022 तक एक लाख करोड़ रुपए खर्च करने का लक्ष्य रखा है। शिक्षा के क्षेत्र में अपनी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने हेफा यानी उच्चतर शिक्षा वित्त पोषण एजेंसी की स्थापना भी की है जो उच्च शिक्षण संस्थाओं के गठन में आर्थिक सहायता मुहैया कराएगी।

उन्होंने कहा कि सरकार ने राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान का बजट भी बढ़ाने का निर्णय लिया है। मोदी ने कहा, हमने आईआईएम जैसे संस्थानों को स्वायत्ता देकर इसकी शुरुआत कर दी है। अब आईआईएम को अपने पाठ्यक्रम, शिक्षकों की नियुक्ति, बोर्ड मेंबर नियुक्ति आदि खुद तय करने की शक्ति मिल गई है। उन्होंने कहा, सरकार की इनमें अब कोई भूमिका नहीं होगी। भारत में उच्च शिक्षा से जुड़ा यह एक अभूतपूर्व फैसला है। लेकिन इस प्रकार के सकारात्मक बदलाव की चर्चा नहीं होती। विद्वतजन भी चुप रहते हैं। कहीं कुछ कहेंगे, तब मोदी के खाते में चला जायेगा। यूजीसी के ग्रेड आधारित स्वायत्ता नियमन का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, इसका उद्देश्य शिक्षा के स्तर को सुधारना तो है ही, इससे उन्हें सर्वश्रेष्ठ बनने में भी मदद मिलेगी।

Aamawaaz

Aam Awaaz News Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2018. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2018.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button