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नयी दिल्ली, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा भारतीय पूंजी बाजारों से निकासी का सिलसिला अप्रैल में लगातार दूसरे महीने जारी रहा। कोरोना वायरस संकट के बीच एफपीआई ने अप्रैल में भारतीय पूंजी बाजारों से शुद्ध रूप से 15,403 करोड़ रुपये की निकासी की। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार एक से 30 अप्रैल के दौरान एफपीआई ने शेयरों से शुद्ध रूप से 6,884 करोड़ रुपये निकाले। वहीं उन्होंने बांड या ऋण बाजार से शुद्ध रूप से 8,519 करोड़ रुपये की निकासी की। इस तरह कुल मिलाकर उन्होंने भारतीय पूंजी बाजारों से 15,403 करोड़ रुपये निकाले। मार्च में एफपीआई ने भारतीय पूंजी बाजारों से रिकॉर्ड 1.1 लाख करोड़ रुपये की निकासी की थी। ग्रो के सह संस्थापक एवं मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) हर्ष जैन ने कहा कि भारत में जो भी प्रवाह आ रहा है वह मुख्य रूप से गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और फार्मा क्षेत्रों में है। जैन ने कहा कि आर्थिक परिस्थतियों को लेकर अनिश्चितता की वजह से भारतीय पूंजी बाजारों से निकासी जारी है। निवेशक सतर्कता बरत रहे हैं। वे अपना कोष अमेरिकी डॉलर में रखने को प्राथमिकता दे रहे हैं।उन्होंने कहा, ”हालांकि अप्रैल में भी भारतीय पूंजी बाजारों से निकासी हुई, लेकिन यह मार्च के स्तर तक नहीं पहुंची। हालांकि, बाजारों में निराशा की स्थिति कायम है। विदेशी निवेशक अभी सतर्कता बरतेंगे। यह भारतीय बाजारों में उनके निवेश के तरीके से भी पता चलता है।