नई दिल्ली, केंद्र सरकार ने प्राइवेट हॉस्पिटल्स में कोविड-19 के सस्ते इलाज को लेकर बड़ा फैसला किया है। इसके तहत केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना के तहत पैनल में शामिल किए गए अस्पताल योजना के लाभार्थियों से कोविड-19 के इलाज के लिए राज्य सरकार की ओर से तय दर के मुताबिक शुल्क वसूल कर पाएंगे। सीजीएचएस निदेशक की ओर से जारी ऑफिस मेमोरैंडम में कहा गया है कि पैनल में शामिल प्राइवेट अप्स्पताल योजना के लाभार्थियों से राज्य सरकारों की ओर से तय कोविड-19 ट्रीटमेंट पैकेज रेट्स के हिसाब से ही शुल्क ले सकते हैं।
आइसोलेशन बेड का शुल्क 10,000 रुपये तक
सीजीएचएस निदेशक की ओर से स्पष्ट किया गया है कि अगर संबंधित राज्य सरकार ने पैकेज रेट तय नहीं किए हैं तो प्राइवेट अस्पताल कोविड-19 के इलाज के लिए दिल्ली सरकार की ओर से तय दरों के मुताबिक शुल्क लेंगे। फिर संबंधित राज्य सरकार की ओर से पैकेज रेट तय किए जाने के बाद शुल्क में बदलाव करेंगे। गौरतलब है कि पिछले महीने दिल्ली सरकार ने एके आदेश जारी कर तय किया था कि कोविड-19 आइसोलेशन वार्ड बेड के लिए राजधानी के सभी निजी अस्पताल हर दिन 8,000 से 10,000 रुपये तक शुल्क ले सकते हैं। वहीं वेंटिलेर वाले आईसीयू बेड के लिए शुल्क 15,000 से 18,000 रुपये प्रतिदिन तय किया गया था।
दूसरी बीमारियों के लिए सामान्य शुल्क
सीजीएचएस के मेमोरैंडम के मुताबिक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से सीजीएचएस पैनल में शामिल निजी अस्पतालों में कोविड-19 के इलाज के लिए शुल्क को लेकर दिशानिर्देश देते हुए दरें स्पष्ट करने का आग्रह किया गया था। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने मामले की समीक्षा कर ये फैसला लिया है। इसमें कहा गया है कि पैनल में शामिल निजी अस्पताल में कोविड-19 के इतर किसी दूसरी बीमारी के इलाज के लिए सामान्य सीजीएचएस पैकेज की दर से शुल्क लिया जाएगा।
ऐसे तय होगी कोविड-19 टेस्ट की दर
आईसीएमआर के दिशानिर्देशों के मुताबिक कोविड-19 टेस्ट की अनुमति होगी। इसका शुल्क सीजीएचएस दर राज्य सरकार या वास्तविक दरों में से कम वाली दर के मुताबिक लिया जाएगा। अगर राज्य सरकार ने कोविड-19 टेस्ट की कोई दर तय नहीं की है तो इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की ओर से तय दर के मुताबिक शुल्क लिया जाएगा। इसके बाद जब राज्य सरकार इसकी दर तय कर देगी तो टेस्ट के शुल्क में भी बदलाव करना होगा।
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