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उत्तर प्रदेश के बिजनौर में एक जंगली जानवर की वजह से सैकड़ों ट्रेनों की रफ़्तार पर ब्रेक लग गया है. किसी जानवर ने रेलवे ट्रैक के नज़दीक क़रीब एक फुट चौड़ी और पांच मीटर लंबी सुरंग खोद दी.
सुरंग ट्रैक के इतनी क़रीब है कि इससे रेलवे ट्रैक से गुज़रने वाली ट्रेनों के लिए ख़तरा पैदा हो गया. रेलवे को यहां से गुज़रने वाली ट्रेनों की रफ़्तार तक कम करनी पड़ी है.
फ़िलहाल रेलवे अधिकारियों ने वन विभाग अधिकारियों को इस अज्ञात जीव को पकड़ने की ज़िम्मेदारी सौंपी है. ज़िला बिजनौर के धामपुर रेलवे स्टेशन से हर रोज़ 150 से अधिक ट्रेनें गुज़रती हैं जो पंजाब, जम्मू, लखनऊ सहित कई जगहों तक जाती हैं.
धामपुर रेलवे स्टेशन और हबीबवाला रेलवे स्टेशन के नज़दीक कुछ ग्रामीणों ने गांव चकसेहजानी रेल ट्रैक के पास एक सुरंग देखी. इस बात की सूचना रेल अधिकारियों को दी गई तो रेल पथ निरीक्षक राम बाबू वहां पहुंचे.
राम बाबू ने बताया, “रेल ट्रैक के बिलकुल नज़दीक संभवतः किसी जीव ने सुरंग बनाई है. ये जीव साही हो सकता है. हमने इस जीव को पकड़ने के लिए वन विभाग के अधिकारियों से मदद मांगी है.” चूंकि मामला हज़ारों यात्रियों की सुरक्षा से जुड़ा था इसलिए रेलवे के उच्च अधिकारियों को भी सूचना दी गई.
डीआरएम मुरादाबाद एके सिंघल ने कहा “मुझे किसी जानवर के रेल ट्रैक के नीचे सुरंग बनाए जाने की जानकारी एक-दो दिन पहले ही मिली है. इस जगह से गुज़रने वाली ट्रेनों को एहतियातन बहुत कम गति से यहां से गुज़रने के आदेश दिए गए हैं. मामले की जांच कराई जाएगी.”
डीआरएम तक मामला पहुंचने पर रेल अधिकारियों ने यहां अपनी निगरानी बढ़ा दी है.
ग्रामीण यशपाल सिंह बताते हैं, “ऐसी सुरंग साही बनाता है. ये जीव जब पूरा फैलता है तो इसकी लंबाई दो फुट तक हो जाती है. इसके शरीर पर कांटे होते हैं.”
एक अन्य वन अधिकारी संतोष सिंह मठपाल कहते हैं, “साही का शिकार आसानी से शेर भी नहीं कर पाता है. हालांकि, ये जानवर काफ़ी शर्मीला और डरपोक होता है लेकिन अपनी जान बचाने के लिए ये शेर से भी भिड़ जाता है. ये जानवर जंगलों में ज़मीन के अंदर तीन से चार मीटर की गहराई में रहना पसंद करता है. हमारे लिए इस जानवर को पकड़ना बड़ी चुनौती होगी.
धामपुर के वन रेंजर अरविंद श्रीवास्तव भी साही के होने की आशंका जताते हैं.
उन्होंने कहा, “ट्रैक से सटी ये सुरंग लगभग एक फुट चौड़ी है जबकि पांच मीटर लंबी. हम अभी सुरंग को भी बंद नहीं कर सकते क्योंकि जानवर अंदर बंद हो गया तो वो भीतर ही भीतर और अधिक सुरंग खोद सकता है. ये ट्रेनों के लिए ख़तरनाक साबित होगा. अभी सुरंग के मुंह पर जाल लगाया गया है.”
सुरंग बनाए जाने की ये घटना लगभग एक हफ़्ता पहले हुई है लेकिन ग्रामीणों ने इस सुरंग को चार-पांच दिन पहले ही यहां देखा.