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Reality of Kanha Upvan in Gorakhpur: योगी आदित्यनाथ ने सूबे की कमान संभालते ही छुट्टा, बीमार और आवारा पशुओं को संरक्षित करने के लिए मुहिम शुरू की. शुरुआती दिनों में ये मुहिम रंग भी लाई. लेकिन, आलाधिकारियों की लापरवाही, सही प्रबंधन की कमी और अव्यवस्था ने उनके ड्रीम पर ही ग्रहण लगा दिया. यही वजह है कि कान्हा उपवन बदहाली के आंसू रो रहा है. ऐसे में बीमार, छुट्टा और आवारा पशुओं की देखभाल कैसे हो पाएगी, इस सवाल का जवाब इन बेजुबानों को भी परेशान कर रहा है.
बहुत थी उम्मीदें
बात तो चुभेगी, लेकिन खरे सोने की तरह सच है. इसकी बानगी देखने को मिल रही है सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर में. यूपी में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनते ही ऐसा लगा मानो बीमार, आवारा और छुट्टा पशुओं के दिन बहुर गए हैं. अब वे ना तो सड़कों पर ही दिखेंगे और ना ही उनको बीमार और भूखा रहना पड़ेगा. वो अब सड़कों पर इधर-उधर घूमते भी नजर नहीं आएंगे.
चलाया गया अभियान
19 मार्च 2017 को भाजपा की यूपी में सरकार बनने के बाद हुआ भी ऐसा ही. बीमार, आवारा और छु्ट्टा पशुओं के दिन बहुर गए. सड़क पर घूमने वाले छुट्टा पशुओं को पकड़ने के लिए नगर निगम की ओर से बाकायदा अभियान चलाया जाने लगा. नगर निगम की ओर से लगातार अभियान चलाने की वजह से सड़क पर जानवरों को छोड़ने से पशुपालक भी डरने लगे. क्योंकि, उन्हें अपने पशुओं को छु़ड़ाने के लिए जुर्माना भरना पड़ता. ऐसे में सड़क पर अधिकतर संख्या में आवारा पशु ही दिखने लगे. नगर निगम की ओर से इनकी धरपकड़ शुरू हुई. इसके साथ ही कान्हा उपवन का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों उद्घाटन भी हो गया.
कान्हा उपवन बदहाल हालत में है
ट्रांसपोर्ट नगर सब्जी मंडी के पास स्थित जिस कॉलोनी में नगर निगम की 8 एकड़ की जमीन पर कान्हा उपवन बनाया गया है, वो पूरी तरह से बदहाल हालत में है. उसका कारण भी साफ है. दरअसल, ये लो-लैंड है. यहां पर बरसात शुरू होने के साथ ही जाड़ा और गर्मी में होने वाली बारिश से ही मैदान पूरी तरह से भर जाता है. हल्की सी बारिश के बाद का हाल देखकर ही ये समझा जा सकता है कि मोहल्ले के लोगों के साथ पशुओं में भी संक्रामक रोग फैलने का खतरा किस कदर बढ़ जाता है. वह भी तब जब क्षमता से दोगुने से भी अधिक पशुओं को यहां पर रखा जाए. ऐसे में सवाल ये भी पैदा होता है कि इन पशुओं की क्षमता जब दोगुनी है, तो इनके चारे-पानी का इंतजाम कैसे हो पा रहा है, ये भी बड़ा सवाल है.
बद से बदतर है हालत
गोरखपुर के महेवा मंडी स्थित कान्हा उपवन की बद से बदतर हालत देखकर आप भी हैरान हो जाएंगे. मैदान में चारों ओर पानी और बदबू से वहां खड़ा रहना भी बीमारी को बुलाने के बराबर है. ऐसे में पशु चिकित्सक डॉक्टर बताते हैं कि यहां पर 1124 से अधिक पशु हैं. सीएनडीएस के अनुसार यहां पशुओं को रखने की क्षमता 560 के आसपास है. अधिकतर शहर में घूमते हुए पशुओं को यहां पर लाया जाता है. कभी-कभार घायल पशुओं को भी लाया जाता है. बरसात के सीजन में बीमारी का खतरा पैदा हो जाता है. मिट्टी पटाई की व्यवस्था की जा रही है. इसके साथ ही ड्रेनेज सिस्टम को भी सीएनडीएस की ओर से पूरा किया जा रहा है. पहचान के लिए कान में नंबरिंग का छल्ला लगाया जाता है.
1124 पशु सुरक्षित हैं
कान्हा उपवन के मुंशी ज्ञान प्रकाश पाण्डेय बताते हैं कि यहां पर 1124 पशु सुरक्षित हैं. उन्होंने बताया कि 560 पशुओं की क्षमता है. हर दिन अभियान के तहत 25 से 30 जानवरों को पकड़वाकर सुरक्षित रखते हैं. यही वजह है कि यहां जानवरों की संख्या दोगुने से अधिक है. दो पम्प लगाया है जिससे पानी बाहर जा सके. 8 एकड़ से अधिक का एरिया है. दो एकड़ में पशुओं के रहने की व्यवस्था है. दो पशु बीमार है. भूसा, चोकर और अन्य खाद्य सामग्री दी जाती है. पशु पालकों की गाय जुर्माना जमा करने पर छोड़ा जाता है. कान पर टैग लगे निराश्रित गोवंश हैं. इसके अलावा 116 गाय यहां पर संरक्षित है. जिसे कोई लेने नहीं आया. कोई गोवंश को ले जाना चाहता है, तो उसके लिए लेटर बनेगा और 30 रुपए प्रतिदिन खर्च शासन की गाइडलाइन के तहत दिया जाएगा.
आवारा और घायल पशुओं को लाया जाता है
गोरखपुर कान्हा उपवन में तैनात पशु चिकित्सक डॉ नीतीश कुमार राय ने बताया कि यहां पर 1124 निराश्रित पशु हैं. सीएनडीएस के मुताबिक यहां पर 560 के आसपास पशुओं की क्षमता है. चिकित्सा उनके विभाग की ओर से किया जाता है. वर्तमान में दो बीमार पशु हैं. आपस में लड़ने की वजह से पशु घायल हो जाते हैं. शहर से आवारा और घायल पशुओं को लाया जाता है. लो लैंड होने की वजह से बारिश के सीजन में बीमारी फैलने का खतरा रहता है. मिट्टी को पाटने का काम चल रहा है. जानवरों को चारा पर्याप्त मात्रा में मिलता है. कोई जानवर कमजोर नहीं दिखेंगे. कान में टैग पहचान के लिए लगाया जाता है.
सीएम योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट
गोरखपुर के महापौर सीताराम जायवाल ने बताया कि कान्हा उपवन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है. जनता 20 वर्षों से कान्हा उपवन की मांग कर रही थी. सड़क पर घूम रहे पशुओं को हटाने की मांग चलती रही है. सड़कों पर घूमने वाली गाय को कान्हा उपवन में शरण देने का कार्य किया. पूरे यूपी में गो संरक्षण केन्द्र और कान्हा उपवन खोले गए. गाय हमारी माता और संस्कृति हैं. हमें इनका संरक्षण करना है. गोरखपुर में क्षमता से अधिक बछड़े-सांड़ रखे गए हैं. मुख्यमंत्री से मांग की है कि इन सबको मधवलिया महराजगंज के गो सदन में भेजा जाए.
जल्द दूर होगी समस्या
महापौर सीताराम जायसवाल ने बताया कि एक और कान्हा उपवन बनाया जाए. सीएम ने आश्वासन भी दिया है. कान्हा उपवन में पानी लगने की समस्या को दूर करने के लिए सीएसडीएस को रुपए दे रखा है. उसकी लापरवाही से मिट्टी भराई का काम समय से पूरा नहीं हो पाया है. उन लोगों को फटकार लगाई गई है और काम को जल्द से जल्द करने का निर्देश दिया गया है. उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही मिट्टी भराई का काम पूरा हो जाएगा और वाटर लॉगिंग की समस्या भी दूर हो जाएगी.
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